बेरोजगारी
मैंने किया है बहुत परिश्रम, शिक्षा की है यह बीमारी
खूब पढा है खूब लिखा है, किसकी है यह जिम्मेदारी
बेरोजगारी बेरोजगारी
चक्कर काटे हर दफ्तर के, फॉर्म भरे हैं हर पेपर के
सबका अपना यही है धंधा, सिस्टम की है यह बीमारी
बेरोजगारी बेरोजगारी
उम्र बढ़ती जा रही मेरी शादी की भी है तैयारी
घोड़ा सज कर तैयार है खड़ा, करने दो मुझको सवारी
बेरोजगारी बेरोजगारी
अब तो घर वालों ने मुंह मोड़ दिया ताने देते रहते हैं
काम धंधा कुछ कर लो बेटा यही वक्त की है ललकारी
बेरोजगारी बेरोजगारी
चुनाव आते और जाते रहते, नेता कसमें खाते रहते
बंद करो नाटक अब, इस पर उपाय निकालो भारी
बेरोजगारी बेरोजगारी
📘विशाल गायकवाड